फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' विशेष:
क़ादर ख़ान ने अपने करियर की शुरुआत एक
शिक्षक के तौर
पर की थी. वह मुंबई में
एक पॉलीटेक्निक कॉलेज में बतौर शिक्षक काम करते थे. फिल्मों में अभिनय का
पहला मौका उन्हें दिलीप कुमार ने दिया था. खलनायक के रूप में उनकी खौफनाक
मुस्कान वक्तके साथ
हंसी के फुहारों
में बदल गई. डेविड धवन की
फिल्मों में गोविंदा के साथ उन्होंने दर्शकों को खूब लोट-पोट
किया. हालांकि वक्तके
साथ वह रुपहले पर्दे से दूर होते गए और अपना ज्यादा वक्त लेखन में ही
गुजारने लगे. क़ादर ख़ाननई पीढ़ी के साथ काम करने में ज्यादा सहज महसूस नहीं
करते. उनका कहना है कि आज की पीढ़ी कम्प्यूटर साइंस,
तकनीक और बिजनेस
मैनेजमेंट पर ज्यादा निर्भर है.
No comments:
Post a Comment