फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' विशेषः
30 साल
तक हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले क़ादर ख़ानके डॉयलाग लेखन में सबसे
बड़ा योगदान थिएटर का है. उन्होंने अनेेक नाटकों के लिए डायलाग्स लिखे, इसके अलावा कई नाटकों का निर्देशन भी
किया. उन्होंने जिन नाटकों का
निर्देशन किया उसके हर कैरेक्टर का अभिनय करके अन्य कलाकारों
को दिखाते थे, ऐसा
करते करते उनके अंदर का कलाकार समय के साथ परिपक्व होता गया. अमिताभ बच्चन
की आवाज और क़ादर ख़ानके डायलॉग की जोड़ी बेहद अदभुत थी. क़ादर ख़ानके डायलाग्स को अमिताभ
बच्चन ने आवाज दी. मुंबई की टपोरी भाषा को फिल्मों में जगह दिलाने वाले क़ादर ख़ानही थे.
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