फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' विशेषः क़ादर ख़ान ने कहा कि मुझे दस साल तक सारी दुनिया ने मिस किया. मैंने काम करना इसलिए बंद कर दिया था क्योंकि मुझे मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा जैसे लोग और उनके जैसा पैशन किसी और में नज़र नहीं आता था. मैंने काम तो बहुतों के साथ किया लेकिन मेरे मन को कुछ कचोट रहा था यही मेरे काम बंद करने की वजह थी. जब मेरे पास हो गया दिमाग़ का दही का प्रोजेक्ट आया, तो मुझे लगा कि इसमें वही बात है जो मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा की फिल्मों में होती थी. इसमें न द्वि-अर्थी संवाद थे और न ही उल-जुलूल हरकतें. मुझे यह एक साफ सुथरी परिवार के साथ देखी जा सकने वाली फिल्म लगी. इसके साथ मुझे निर्देशक पर भरोसा हुआ कि वह इसे निभा ले जायेंगी. आज मुझे लगता है कि मेरा आकलन सही साबित हुआ.
Wednesday 5 August 2015
कादर खान बोले- सारी दुनिया ने दस साल तक मिस किया
फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' विशेषः क़ादर ख़ान ने कहा कि मुझे दस साल तक सारी दुनिया ने मिस किया. मैंने काम करना इसलिए बंद कर दिया था क्योंकि मुझे मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा जैसे लोग और उनके जैसा पैशन किसी और में नज़र नहीं आता था. मैंने काम तो बहुतों के साथ किया लेकिन मेरे मन को कुछ कचोट रहा था यही मेरे काम बंद करने की वजह थी. जब मेरे पास हो गया दिमाग़ का दही का प्रोजेक्ट आया, तो मुझे लगा कि इसमें वही बात है जो मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा की फिल्मों में होती थी. इसमें न द्वि-अर्थी संवाद थे और न ही उल-जुलूल हरकतें. मुझे यह एक साफ सुथरी परिवार के साथ देखी जा सकने वाली फिल्म लगी. इसके साथ मुझे निर्देशक पर भरोसा हुआ कि वह इसे निभा ले जायेंगी. आज मुझे लगता है कि मेरा आकलन सही साबित हुआ.
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